हमें ये समय अपनी जीवनशैली को सही करने के लिए ही मिला है, सात्विक जीवनशैली अपनाने से भी बहुत कुछ ठीक हो जाएगा https://ift.tt/2Zm5NEZ - Sarkari NEWS

Breaking

This is one of the best website to get news related to new rules and regulations setup by the government or any new scheme introduced by the government. This website will provide the news on various governmental topics so as to make sure that the words and deeds of government reaches its people. And the people must've aware of what the government is planning, what all actions are being taken. All these things will be covered in this website.

Sunday, June 28, 2020

हमें ये समय अपनी जीवनशैली को सही करने के लिए ही मिला है, सात्विक जीवनशैली अपनाने से भी बहुत कुछ ठीक हो जाएगा https://ift.tt/2Zm5NEZ

इस वैश्विक महामारी ने हमें जीवन जीने का नया तरीका सिखा दिया है। हमें वह सब सिखा दिया जो हम करना चाहते थे और जिसके लिए हम कहते थे कि हमारे पास समय नहीं है। जैसे जो कुकिंग नहीं करते थे, उन्हें समय मिला खाना बनाना सीखने के लिए। हमारे पास धन इतना आ गया तो हमने सोचा कि खाना बनाने की क्या जरूरत है, बाजार से खाना ले आते थे या खाना बनाने वाले को रख लेते थे।

कहा भी जाता है जैसा अन्न, वैसा मन। अभी हमें समय मिला है कि हम इसका प्रयोग कर देखें। जब आप खाना बनाते हैं तो आप अपने रसोईघर में परमात्मा को याद करने वाले गीत चलाइए ताकि आपके घर में जो भी भोजन बन रहा है या फिर जो पानी रखा है, वह उच्च और सकारात्मक ऊर्जा वाले शब्दों को सोख सके।

उस भोजन को जो-जो खाएगा, उसके लिए वैसे ही सकारात्मक ऊर्जा वाली बातें सोचना बहुत आसान हो जाएगा। इसलिए आप अपनी लाइफ स्टाइल में कुकिंग को शामिल कर सकते हैं, जिसका आपको अभी समय भी मिला है। यह वायरस हममें से बहुत से लोगों को सात्विकता की तरफ ले जा रहा है। हममें से कई लोग इस समय तामसिकता से दूर हो गए हैं।

जैसे अभी बाहर जाकर तामसिक खाना नहीं खा पा रहे हैं। सात्विक भोजन खाने से आधे से ज्यादा चीजें तो इसी समय ठीक हो जाएंगी। आज एक वायरस से हमें इतना डर लग रहा है कि हम हर समय उसी के बारे में सोच रहे हैं। लेकिन, हम कर्म कौन-सा कर रहे थे? सिर्फ एक बात हमारे आगे के सब कर्मों को ठीक कर देगी। हमें उस बात का भी कभी-कभी शुक्रिया कर देना चाहिए।

यह हमें बहुत कुछ सिखाकर गई है। और बहुत कुछ हमने जीवनभर के लिए सीख लिया है। दो महीने बाद, चार महीने बाद कोरोनावायरस सबको भूल जाएगा। जो कहते थे कि सोच रहा हूं कि सात्विकता को जीवन में अपना लूं, तो उनके लिए यह सबसे महत्वपूर्ण समय आ गया है।

हमने तो ब्रह्माकुमारी संस्था में इस सात्विकता को अपनाने के लिए प्रयोग किए हैं। जैसे हमने सात्विक भोजन ही करने का फैसला लिया। पहले दिन हमने सोचा था कि ये हमसे होगा कि नहीं होगा। लेकिन फिर मैंने सोचा कि प्रयोग करते हैं क्योंकि इसमें फायदा भी बहुत दिख रहा था। आज हममें से किसी को दस साल हो गए हैं और किसी-किसी को तो पचास साल तक हो गए हैं।

हम सभी पूरे विश्व का चक्कर लगाकर आ गए। सभी तरह की परिस्थितियों में रह चुके हैं। बाहर हमें कभी-कभी एक-एक हफ्ता तक कुछ नहीं मिलता था खाने को। हम फल, सब्जी, दूध आदि खाकर रह लेते थे। लेकिन बाहर कोई तामसिक भोजन नहीं लेते थे। हमने जो एक बार प्रतिज्ञा की फिर कभी भी वो नहीं टूटी।

खाने समेत विचारों की, कर्मों की सात्विकता लाने की कोशिश शुरू करनी चाहिए। इस समय यह मौका मिला है कि हम शुरुआत करें। उदाहरण के लिए हमारा खाना बनाना और खाना दोनों घर में ही होने लगा है। इससे हमारे जीवन में बहुत परिवर्तन आएगा।

इस समय यह हो सकता है कि जब हम खाना खाने बैठें तो पूरी फैमिली इकट्‌ठा बैठकर खाए और प्रतिज्ञा करे कि खाना खाते समय हमें ना तो मोबाइल देखना है और न ही टीवी ऑन करना हैं। ये अनिवार्य हो। पहले परमात्मा को याद कीजिए, मन में सकारात्मक संकल्प कीजिए कि यह भोजन तन और मन के स्वास्थ के लिए अच्छा है।

फिर भोजन करना शुरू कीजिए। क्योंकि वह भोजन हमारे मन की स्थिति पर असर करता है। अगर सभी लोग इकट्‌ठे मिलकर ऐसा करेंगे तो ये संस्कार पूरे परिवार के सभी लोग सीख जाएंगे। और अगर सभी बोलकर करेंगे तो शायद सब लोगों को याद हो जाएगा, फिर थोड़े दिन के बाद तो मन में भी कर सकते हैं। क्योंकि अभी हमारी ये आदत बन रही है।

रात को सोने के समय कोई भी नकारात्मक कंटेंट जैसे कि कोई मूवी, काम से संबंधित चीजें नहीं होनी चाहिए। क्योंकि रात को सोने से पहले जो कंटेंट अंदर जाता है, वह सारी रात काम करता है। अधिकतर लोग रात को इसी कारण से ठीक से सो नहीं पाते हैं। हमें ये समय अपनी जीवनशैली को सही करने के लिए ही मिला है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
बीके शिवानी, ब्रह्मकुमारी


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3eHT1qt

No comments:

Post a Comment