रक्षाबंधन आज; भाई की कलाई पर सजेगी बहन की राखी, सावन का अंतिम सोमवार; महाकाल मंदिर के गर्भगृह को कागज के फूलों से सजाया https://ift.tt/30n8w2u - Sarkari NEWS

Breaking

This is one of the best website to get news related to new rules and regulations setup by the government or any new scheme introduced by the government. This website will provide the news on various governmental topics so as to make sure that the words and deeds of government reaches its people. And the people must've aware of what the government is planning, what all actions are being taken. All these things will be covered in this website.

Sunday, August 2, 2020

रक्षाबंधन आज; भाई की कलाई पर सजेगी बहन की राखी, सावन का अंतिम सोमवार; महाकाल मंदिर के गर्भगृह को कागज के फूलों से सजाया https://ift.tt/30n8w2u

रक्षाबंधन की पूर्व संध्या पर रविवार काे पंजाब में सभी बाजार खुले और लाेगाें ने खूब खरीदारी की। लोग कोरोना का डर भूलकर बाजार पहुंचे। फोटो रैनक बाजार की है जिसमें एक बहन अपने भाई के लिए राखी पसंद कर रही है। मीना बाजार, अटारी बाजार और रैणक बाजार के दुकानदारों ने कहा कि प्रशासन अगर दो दिन पहले रविवार को बाजार खुलने के आदेश देता तो बेहतर हाेता। हर साल देहात से भी लोग खरीदारी करने आते हैं लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ।

सावन माह की पांचवीं सवारी शाम 4 बजे

महाकालेश्वर मंदिर में रक्षाबंधन के मौके पर कागज से फूलों से सजावट की गई। पं. यश गुरु के अनुसार पहली बार रंगीन कागजों का उपयोग कर यह कलात्मक सजावट कराई गई है। कलाकारों ने गर्भगृह से लेकर नंदीगृह तक रंगीन कागजों की कलाकृतियां बना कर यह सजावट की। सोमवार को भगवान महाकाल को भस्मआरती पुजारी श्रीकृष्ण पुजारी व महेश उस्ताद पुजारी परिवार की ओर से परिवार की महिलाओं द्वारा राखी बांधी जाएगी। 11 हजार लड्डुओं का महाभोग भी लगेगा। सावन माह की पांचवीं सवारी शाम 4 बजे निकाली जाएगी।
भगवा साफा पहनाकर भगवान का श्रृंगार

भगवान काशीविश्वनाथ ने रविवार को बरसते पानी के बीच नर्मदा में नौका विहार किया। दो नाव में 10 श्रद्धालु सवार थे। इससे पहले घाट पर भगवान के 11 किलो चांदी के मुखौटे का अभिषेक-पूजन किया गया। शाम करीब 5.30 बजे भगवान को मंदिर से काशीविश्वनाथ घाट लाया गया। यहां पूजन व अभिषेक के बाद भगवान को भगवा साफा पहनाकर शृंगार किया गया। कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया। हर साल भगवान की शाही सवारी के तहत होने वाले नौका विहार में 10 नाव पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु सवार होते थे।

तांत्रिक विद्या सीखने आते थे यहां लोग

यह है 9वीं सदी का ऐतिहासिक मितावली मंदिर, जिसे चौसठ योगिनी मंदिर भी कहा जाता है। ऊंची पहाड़ी पर गोलाकार आकृति में बने इस मंदिर में 64 कमरे में हैं और हर कमरे में शिवलिंग के साथ चोगिनियां हैं। इसे तांत्रिकों का विश्वविद्यालय भी कहा जाता था, जहां पहले देशभर के लोग तांत्रिक विद्या सीखने आते थे।

श्रावण माह में हुई बारिश के ऊंची पहाड़ी पर छाई हरियाली व आसपास स्थित खेतों में बिछी हरीतिमा इन दिनों इसकी सुंदरता और बढ़ा रही है। यूं तो अक्सर यहां पर्यटक आते रहते हैं लेकिन सोमवार के दिन यहां आसपास के लोग भी पूजा-अर्चना के लिए काफी तादाद में पहुंचते हैं।

सावन का अंतिम दिन

भगवान शिव का प्रिय माह सावन माह मेवाड़ी रीति से पूर्णिमा पर समाप्त हाेगा, वहीं वागड़ में गुजराती, महाराष्ट् की परम्परा के अनुसार 15 दिन पूर्ण हुए हैं। राजस्थान के डूंगरपुर से दाे किमी दूर उदयविलास पैलेस के आगे हजारेश्वर महादेव मंदिर है। इस मंदिर में विश्वेश्वर महादेव स्थापित हैं। मंदिर में ही दस इंच ऊंची वर्गाकार पीठिका बनी हुई है। इसके मध्य जलाधारी बनी हुई है। इस पर 121 एकादश रुद्र स्वरूप के रूप में विराजमान हैं। इसके चाराें काेने में रुप्रद पंचायतन देवताओं के यंत्र और बीजाक्षर उत्कीर्ण हैं। करीब 300 साल से पुराने इस मंदिर में वास्तु का नायाब उदाहरण है।

नाव में जगह है 25 की, सवार हैं 60

यह सीन है बिहार के बेगूसराय जिले के रसलपुर घाट का। हरदासपुर सरसावा आदि गांव से नाव के सहारे बड़ी संख्या में लोग गंगा नदी पार कर बाजार करने के लिए रसलपुर घाट पहुंचते हैं। इन दिनों गंगा सहित अन्य नदियां उफान पर हैं। शनिवार की शाम नाव पर 60 लोग सवार होकर रसलपुर घाट से हरदासपुर घाट रहे थे, जबकि इस नाव पर अधिकतम 25 लोग की सफर कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में हादसा होने की आशंका बढ़ जाती है। नाव पर सवार लाेगों ने सोशल डिस्टेंस भी नहीं रखा है। कोरोना संक्रमण फैलने की भी आशंका है।

अयोध्या में तैयारियों का अंतिम रूप

अयोध्या में 5 अगस्त को होने वाले राम मंदिर निर्माण के नींव पूजन कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने भूमि पूजन का पहला निमंत्रण श्रीरामलला विराजमान के चारों भाइयों और बाल हनुमान को दिया है।

औसत से कम हुई बारिश

इंदौर के साथ आसपास भी बारिश रूठी हुई है। सावन खत्म होने के बाद भी औसत से कम पानी गिरा। तालाब आधे भी नहीं भरे। आसपास के झरनों में पानी कम ही आया है। हालांकि रुक-रुक कर बारिश से हरियाली जरूर छा गई है। यह फोटो शहर के 60 किमी दूर जोगी भड़क के झरने की है। यह एबी रोड पर मानपुर से 7 किमी ढाल गांव में है।

रणथंभौर के जंगल में बेहतरीन नजारा

बरसात के दौरान जंगल में कुछ अद्भुत नजारे घटते हैं। खासकर सरीसृप प्रजाति के जीव जमीन से लेकर पेड़ों तक अपनी उपस्थिति दर्ज कराते दिखते हैं। ऐसा ही एक बेहतरीन नजारा रणथंभौर के जंगल में दिखा। यूं तो जंगल का मुख्य पार्ट बंद है, लेकिन जो एरिया सफारी के लिए खुला है उसके जोन 6 में एक 7 फुट बड़े अजगर और बंदरों के साथ उसकी आंख मिचोली के नजारे वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर सुरेंद्र चौहान ने कैद किए। चौहान ने बताया कि अजगर संभवतया पेड़ पर पक्षियों के अंडे के लिए चढ़ा था, इसी दौरान बंदरों के पूरे झंड ने उसको देखकर कोलाहल मचा दिया।

कपास की फसल बर्बाद कर रहे हिरण

आमतौर पर हिरण और उनके झुंड को उछल-कूद करते देखना रोमांचकारी होता है। लेकिन महाराष्ट्र के बीड जिले में कुछ हिरण किसानों के लिए परेशानी बन गए हैं। शिरूर इलाके के किसानों ने खेतों में कपास बोया है, फसल उगने भी लगी है। लेकिन अचानक जंगलों से झुंड में पहुंचे करीब 150 से ज्यादा हिरण इस फसल को बर्बाद कर रहे हैं। इससे परेशान किसान स्थानीय प्रशासन से हिरणों को जंगल में छोड़ने की मांग कर रहे हैं। किसानों के मुताबिक, शिरूर क्षेत्र में करीब 47 हजार हेक्टेयर में कपास की बुआई की गई है।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Rakshabandhan today; Rakhi of sister dressed on brother's wrist, last Monday of Sawan; The sanctum sanctorum of the Mahakal temple is decorated with paper flowers


from Dainik Bhaskar /local/delhi-ncr/news/rakshabandhan-today-rakhi-of-sister-dressed-on-brothers-wrist-last-monday-of-sawan-the-sanctum-sanctorum-of-the-mahakal-temple-is-decorated-with-paper-flowers-127579824.html

No comments:

Post a Comment