केन्या की सरकार को कोरोनावायरस के संकट से निपटने की चुनौती के बीच अब क्वारैंटाइन में लोगों से हो रहे व्यवहार को लेकर विरोध और आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। दरअसल, नैरोबी में क्वारैंटाइन किए गए कई लोगों को 14 दिन की सीमा पूरी होने के बावजूद बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा। उन्हें वहां से निकलने के बदले पैसे मांग जा रहे हैं।
कहा जा रहा है कि यह उन पर हुए खर्च की वसूली है, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा ही एक मामला वेलेंटाइन ओचोगो का है। वे बताती हैं,"जब मैं दुबई में नौकरी से निकाले जाने के बाद केन्या पहुंची, तो एक यूनिवर्सिटी के छात्रावास में अन्य यात्रियों के साथ क्वारैंटाइन में रखा गया था। लेकिन, 14 दिन क्वारैंटाइन और तीन टेस्ट निगेटिव आने के बावजूद बाहर नहीं निकलने दिया गया। मुझे बताया गया कि जब तक करीब 31 हजार रुपए नहीं चुका देती, जाने नहीं दिया जाएगा। आखिरकार चार हजार रुपए में बात तय हुई। मैं 32 दिन बाद वहां से निकल पाई। लेकिन, कई लोग वहां फंसे हैं।''
लोगों को पकड़कर थानों के बजाए क्वारैंटाइन में भेजा जा रहा
केन्या में कर्फ्यू का उल्लंघन करने या मास्क न पहनने के कारण पकड़े गए लोगों को पुलिस थानों में न भेजकर क्वारैंटाइन में भेजा जा रहा है। उन्हें कई बार तो संक्रमितों के साथ ही रख दिया जाता है। हाल ही में 7 और लोग वहां से बाहर निकले हैं। उन्होंने बताया कि बेहद गंदी जगहों पर रखा गया था। वहां न भोजन था, न पानी और न ही टेस्ट के नतीजे बताए जाते थे।
दूसरी तरफ क्वारैंटाइन में लोगों के साथ दुर्व्यवहार की बातें बाहर आने के बाद लोग सरकार के विरोध में उतर आए हैं। मोई यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन के डॉ. लुकोए एटवोली कहते हैं,"जबरदस्ती करने के बजाय लोगों को सहयोग करने के लिए राजी करने की जरूरत है, खासकर यदि आप उनकी भलाई करने का तर्क दे रहे हो।''
हालात पता चलने पर लोग टेस्ट करवाने आगे नहीं आ रहे
केन्या में एक महीने में 50 लोग क्वारैंटाइन से भाग चुके हैं। इसके अलावा क्वारैंटाइन सेंटर में दुर्व्यवहार और पैसे मांगे जाने की खबरों के बाद अब लोग कोरोना के लक्षण दिखने के बावजूद टेस्ट करवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। ऐसे में सरकार हरकत में आई है और स्वास्थ्य मंत्रालय ने सफाई दी है कि व्यवस्था सुधारी जा रही है, शुल्क पर रोक लगाएंगे।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/35S1ynh
No comments:
Post a Comment