दुनिया में संक्रमितों की संख्या 41 लाख से ज्यादा हो गई है। 2 लाख 80 हजार 431 की मौत हुई है। इसी दौरान 14 लाख 41 लाख हजार 429 स्वस्थ भी हुए। दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में पिछले दिनों लॉकडाउन में बड़ी ढील दी गई। आम लोगों के लिए कुछ शर्तों के साथ नाइट क्लब, होटल, बार और डिस्को खुल गए थे। अब यहां फिर संक्रमण के मामले सामने आए। लिहाजा, सरकार ने ये सभी जगहें फिर बंद कर दी हैं।
पाकिस्तान में संक्रमितों की तादाद 28 हजार से ज्यादा हो गई है। मौत का आंकड़ा भी 700 से ज्यादा हो गया। लेकिन, इमरान सरकार ने कथित लॉकडाउन में ढील दे दी। देश के डॉक्टर्स इसका विरोध कर रहे हैं।
साउथ कोरिया : सियोल फिर बंद
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में पिछले दिनों लॉकडाउन में ढील दी गई थी। नाइट क्लब, होटल, बार और डिस्को खुल गए थे। अब यहां संक्रमण के नए मामलों का पता लगा है। इसके फौरन बाद सरकार ने इन सभी जगहों को अगले आदेश तक के लिए फिर बंद कर दिया है। एक अधिकारी ने माना कि कुछ लोगों ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इसकी वजह से सभी को परेशानी होगी।
ब्रिटेन : सरकार की पहल
बोरिस जॉनसन सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए एक नई पहल की है। सरकार यहां साइकल से चलने के लिए जागरुकता अभियान चलाएगी। इसके लिए 2.48 करोड़ डॉलर का बजट मंजूर किया गया है। परिवहन मंत्री ग्रांट शेप्स ने कहा- इससे पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम को मदद मिलेगी। वहां भीड़ कम होगी और लोग शारीरिक तौर पर ज्यादा मजबूत होंगे।
अमेरिका : दो अफसर क्वारैंटाइन
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना से निपटने के लिए टास्क फोर्स बनाई थी। इसके दो अफसर अब क्वारैंटाइन हो गए हैं। डॉक्टर रॉबर्ट रेडपील्ड सीडीएस के डायरेक्टर हैं। वो दो हफ्ते घर से काम करेंगे। वो एक संक्रमित के संपर्क में आए थे। इनके अलावा एफडीए कमिश्नर स्टीफन हान भी दो हफ्ते के लिए क्वारैंटाइन हो गए हैं। हालांकि, उनकी पहली टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है।
पाकिस्तान : संक्रमण बढ़ा, लेकिन लॉकडाउन में ढील
यहां 27 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं। 700 की मौत हो चुकी है। लेकिन, सरकार ने लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दी है। शनिवार से देश के ज्यादातर हिस्सों में दुकानें और फैक्ट्रियां खुल गईं। हालांकि, लॉकडाउन का असर पहले भी नहीं था। मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर लगी रोक पहले ही हटा ली गई थी। डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार को चेताया भी था। लेकिन, उनकी सलाह और मांग पर प्रधानमंत्री इमरान ने कोई ध्यान नहीं दिया।
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